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जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!

agnipusp
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omar_khayyam_wd83

इस दुनिया में और रखा क्या, मस्त-मस्त नैनों में खो जा,
तू भी अपनी आँख लड़ा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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पता नहीं कब फुरसत पाये, यह मौक़ा आये ना आये !
अपनी भी झोली फैला ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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नशा मस्त है प्यारा-प्यारा, भर दे जीवन में उजियारा,
सुख ही सुख है, मज़ा उठा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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देख ज़रा अपने साकी को, कैसा मधुर-मधुर मुस्काये,
अंक जकड़ के गले लगा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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पंडित-मोमिन-गुरू-पादरी, इनकी बातों में क्या रक्खा ?
मन नौका – मन लहर बना ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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चाँद खिला है प्यारा-प्यारा, गगन बीच तारे मुस्काते,
एक बार तो नज़र उठा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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रग-रग में मस्ती घुल जाए, नयन मुंदे मदहोशी छाये,
उठा अधर से इसे लगा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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नदिया-वन-पर्वत सब पीते, तू किस उलझन में उलझा है,
मन में क्या है संशय पाले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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कोलाहल है बहुत भयंकर, आपाधापी मची हुई है,
छोडो ये सब मकड़े-जाले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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मंजिल किसको मिली बता दे, सब यूं ही हैं चलते जाते,
दुखे पाँव पड़ जाते छाले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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खोया है रिश्तों-नातों में, क्या रक्खा है इन बातों में,
अंत अग्नि में तुझको डाले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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धन की देवी तुझे बुलाये, कुछ दिन मधुर-मधुर मुस्काये,
झटके से फिर दूर उछाले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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धर्मों की राहें पेंचीली, समझ नहीं पायेगा कुछ भी,
इनसे अपनी नज़र घुमा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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इक दिन की होली में क्या है, इक दिन की कैसी दिवाली,
चौबीस घंटे ख़ुशी मना ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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दुनिया तुझ को समझ न पाये, पापी-दुष्ट-पतित कहलाये,
चिंता मत कर नज़र घुमा ले ! जाम चढ़ा ले – जाम चढ़ा ले !!
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(chitra gugal net se saabhaar)…………………..क्रमशः

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