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शब्द भण्डार !

agnipusp
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सामान्यतः काव्य रचना करते समय किसी शब्द का प्रयोग करना होता है, पर उसके वर्ण या मात्रा की कमी-बेशी हमें परेशान कर देती है ! इस स्थिति में शब्दों के पर्याय की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होती है ! कुछ उपयोगी शब्द पर्याय सहित ………….
* अंक= संख्या, क्रमांक, निशान, चिन्ह, गोद, क्रोड़, अँकवार !
* अंग= अंश, टुकडा, खंड !
* आँचल= अंचल, पल्ला, पल्लू, छोर, सिरा, क्षेत्र, प्रदेश !
* अंत= इति, समाप्ति, आखिर, खात्मा, बस, मरण, मृत्यु !
* अन्धकार= अन्धेरा, तम, तिमिर, तमस !
* अकिंचन= निर्धन, गरीब, कंगाल, धनहीन !
* अखंड= पूरा, समूचा, सम्पूर्ण, समस्त, सारा, समग्र, अविभक्त !
* अग्नि= आग, पावक, हुताशन, वह्नि, अनल !
* अत्याचार= अनाचार, दुराचार, ज्यादती, दुराचरण, दुष्टता !
* अदृश्य= ओझल, अंतर्ध्यान, तिरोहित, लुप्त, गायब, ओझल !
* अधिकार= शक्ति, सामर्थ्य, क्षमता, योग्यता !
* अनुपम= अप्रतिम, अद्वितीय, अतुल, अपूर्व, अनुपम, बेजोड़ !
* अपमान= अनादर, अवमानना, बेइज्जती, अवज्ञा, तिरस्कार !
* अभिमान= अहंकार, दर्प, गरूर, दंभ, मद !
* अमर= अनश्वर, नित्य, सनातन, अविनाशी, अक्षय !
* अश्लील= बेशर्म, अभद्र, गंदा, अधिभ्रष्ट, असभ्य, उज्जड, अविनीत, अशिष्ट !
* असहाय= निःसहाय, निराश्रित, बेसहारा, अनाथ, बेबस !
* आतंक= संत्रास, भय, दहशत, भीषिका, उपद्रव !
* आकाश= गगन, अम्बर, नभ, व्योम, अभ्र !
* इंद्र= शक्र, सुरपति, देवराज, पुरंदर, शचीपति, देवेश, सुरेश !
* इमानदारी= सदाशयता, निष्कपटता, दयानतदारी, निश्छलता !
* ईश्वर= परमेश्वर, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, दीनानाथ, भगवान् !
* उन्नति= उत्थान, तरक्की, प्रगति, विकास, बढ़ती !
* कंचन= सुवर्ण, सोना, स्वर्ण !
* कपड़ा= वस्त्र, वासन, पहरावा, पट, चीर !
* कमल= अरविन्द, राजीव, जलज, सरोज, पंकज, पद्म, अम्बुज, पुण्डरीक, जलजात, नलिन !
* कलंक= लांछन, दोष, दाग, धब्बा, तोहमत !
* कायर= डरपोक, बुजदिल, कातर, भीरु !
* कुटिल= कपटी, छली, धोखेबाज, चालबाज, प्रपंची !
* क्रूर= निर्दय, नृशंस, निष्ठुर, निर्मोही, बर्बर !
* क्षीण= कृश, दुबला-पतला, कमजोर, दुर्बल, बलहीन, थोड़ा, बारीक, अल्प, ज़रा !
* क्षुब्ध= विकल, व्याकुल, विह्वल, उद्विग्न, घबराया हुआ !
अगले भाग में जारी !

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